हमसे दिलचस्प कभी सच्चे नहीं होते हैं-लावा -जावेद अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Javed Akhtar
हमसे दिलचस्प कभी सच्चे नहीं होते हैं
अच्छे लगते है मगर अच्छे नहीं होते हैं
चाँद में दुनिया और बुजुर्गो में खुदा को देखे
भोले इतने तो अब ये बच्चे नहीं होते हैं
आज तारीख तो दोहराती है खुद को लेकिन
इसमें जो बेहतर थे वो हिस्से नहीं होते हैं
कोई मंजिल हो बहुत दूर ही जाती है मगर
रास्ते वापसी के लंबे नहीं होते हैं
कोई याद आये हमें या कोई हमें याद करे
और सब होता है ये किस्से नहीं होते हैं