वक़्त-प्रदीप सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Pradeep Singh
सोचता हूँ अक्सर
कि
मैं वक़्त काटता हूँ
कि
वक़्त मुझे…
पता नहीं-
पर
टुकड़े टुकड़े कम होता जा रहा हूँ मैं।
वक़्त-प्रदीप सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Pradeep Singh
सोचता हूँ अक्सर
कि
मैं वक़्त काटता हूँ
कि
वक़्त मुझे…
पता नहीं-
पर
टुकड़े टुकड़े कम होता जा रहा हूँ मैं।