वे-कहें केदार खरी खरी-केदारनाथ अग्रवाल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kedarnath Agarwal
हम गा रहे हैं
उनकी मौत का गाना
जिन्हें आता है अब
इंसान को हैवान बनाना
खुद अपने लिए आरामगाह
और दूसरों के लिए
जगह-ब-जगह
कत्लगाह बनाना
रचनाकाल: १२-१२-१९७०