वडभागीआ सोहागणी-श्लोक -गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji
वडभागीआ सोहागणी जिना गुरमुखि मिलिआ हरि राइ ॥
अंतर जोति प्रगासीआ नानक नामि समाइ ॥2॥309॥
वडभागीआ सोहागणी-श्लोक -गुरू राम दास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Guru Ram Das Ji
वडभागीआ सोहागणी जिना गुरमुखि मिलिआ हरि राइ ॥
अंतर जोति प्रगासीआ नानक नामि समाइ ॥2॥309॥