यह रथ-मैं मिलिट्री का बूढ़ा घोड़ा -नागार्जुन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nagarjun
सामान्य नहीं है यह रथ
पूरा का पूरा गन्धमादन
पूरा का पूरा ऋष्य मूक
अन्दर प्रवेश मात्र से ही
लुप्त हो गयी गन्ध चेतना
कैसे लौटा पाऊँगा फिर
अपनी वह घ्राणशक्ति