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- 0.1 मूँह फ़ेरती हो फ़िर चुपके से मुस्कुराती हो,
- 0.2 तू मेरी ज़िंदगी है तू मेरा मन है,
- 0.3 दिल लगा है लगा रहने दीजिए,
- 0.4 दौलत नहीं चाहिए सुबह को शाम करदो,
- 0.5 तुझसे मिलने की हसरत में,
- 0.6 ऐसा कीजिए हमारा दिल निकाल लीजिए,
- 0.7 अपनी मस्ती में रहते हैं जानेमन,
- 0.8 तेरी मुहब्बत पे शक़ का सवाल कहाँ,
- 0.9 आसमान साफ़ है मेरी नियत की तरह,
- 0.10 तेरी हाँ के इंतज़ार ने मुझे मार डाला है,
- 0.11 किसी और का नाम लूँ तो गुस्सा दिखाती है,
- 0.12 तेरी अदाओं ने सिखाया मुझे इश्क़ का सबक है,
- 0.13 छोटी सी ग़लती की इतनी बड़ी सज़ा,
- 0.14 उसके घर से निकलने से ही मेरी सुबह है,
- 0.15 अपनी आँखों का एक तीर से दिल पे वार करदो,
- 0.16 दिल लगा है लगा रहने दीजिए,
- 0.17 उसने कहा मैं कल मिलूंगी कुछ काम है घर पे,
- 0.18 ये दीवाना अब ना तेरे बिन ही रह पाएगा,
- 1 या तेरा प्यार करीब होगा,
बेहद ख़ास प्यार भरी शायरी -यशु जान -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Yashu Jaan Behad Khas Pyar Bhari Shayari Part 2
मूँह फ़ेरती हो फ़िर चुपके से मुस्कुराती हो,
मूँह फ़ेरती हो फ़िर चुपके से मुस्कुराती हो,
दिल में जो है जुबां पे लाने से डरती हो,
कहती हो सहेलियों से ये लड़का पागल है,
सच तो ये है कि तुम भी हमसे प्यार करती हो ।
तू मेरी ज़िंदगी है तू मेरा मन है,
तू मेरी ज़िंदगी है तू मेरा मन है,
मैं तेरी रूह हूँ तू मेरा बदन है,
लोगों के लिए माशूका पता नहीं क्या है,
पर तू मेरे लिए मेरी ऑक्सीज़न ।
दिल लगा है लगा रहने दीजिए,
दिल लगा है लगा रहने दीजिए,
नफ़रत की एक सज़ा रहने दीजिए,
ऐसा कर मेरी मौत को क्यूँ बुला रहे,
ज़िंदा रहने की कोई तो वजह रहने दीजिए ।
दौलत नहीं चाहिए सुबह को शाम करदो,
दौलत नहीं चाहिए सुबह को शाम करदो,
नफ़रत के ख़त को आशिक़ी का पैगाम करदो,
अपना दिल देदो और हमारा लेलो जानेमन,
ख़ुदा का वास्ता कोई तो नेकी का काम करदो ।
तुझसे मिलने की हसरत में,
तुझसे मिलने की हसरत में,
खोया सा जा रहा हूँ,
तुझसे बात करने का तरीका,
आईने के सामने आज़मा रहा हूँ ।
ऐसा कीजिए हमारा दिल निकाल लीजिए,
ऐसा कीजिए हमारा दिल निकाल लीजिए,
खेलिए और गेंद की तरह उछाल लीजिए,
सिर्फ़ हमें अपने दिल में रख लीजिए,
हमारा दिल चाहे जहन्नुम में डाल दीजिए
अपनी मस्ती में रहते हैं जानेमन,
अपनी मस्ती में रहते हैं जानेमन,
बातों से रातें रंगीन नहीं करते,
तूने कर दिया जादू दिल पे मेरे,
वर्ना लड़कियों पे हम यकीन नहीं करते ।
तेरी मुहब्बत पे शक़ का सवाल कहाँ,
तेरी मुहब्बत पे शक़ का सवाल कहाँ,
तुझे दिल देकर अब दिल में मलाल कहाँ,
तुझे बीच रस्ते में छोड़ दूँ अकेला,
मेरी या मेरे फरिश्तों की इतनी मजाल कहाँ ।
आसमान साफ़ है मेरी नियत की तरह,
आसमान साफ़ है मेरी नियत की तरह,
मैं कैसे अब बताऊँ मेरी मुहब्बत सच्ची है ।
तेरी हाँ के इंतज़ार ने मुझे मार डाला है,
तेरी हाँ के इंतज़ार ने मुझे मार डाला है,
तुझे क्या बताऊँ किस तरह दिल संभाला है,
सीने पे साँप रेंगते हैं जब सुनता हूँ लडकियों से,
वो मेरे वाला है, वो मेरे वाला है ।
इस प्यार में कुछ और भी मैं रंग भरना चाहती हूँ,
इस प्यार में कुछ और भी मैं रंग भरना चाहती हूँ,
ऐसे पाक रिश्ते में मैं सजना – सवरना चाहती हूँ,
मैंने कहा खुलकर बताओ कहना क्या चाहती हो,
क्या लम्हा था उसने कहा तुझसे शादी करना चाहती हूँ ।
किसी और का नाम लूँ तो गुस्सा दिखाती है,
किसी और का नाम लूँ तो गुस्सा दिखाती है,
बच्चों की तरह मुझे उठना बैठना सिखाती है,
जब कभी देख लूँ किसी लड़की की तरफ़,
यारों जवालामुखी की तरह भड़क जाती है ।
तेरी अदाओं ने सिखाया मुझे इश्क़ का सबक है,
तेरी अदाओं ने सिखाया मुझे इश्क़ का सबक है,
मरने से बचाया तूने इसमें ना कोई शक़ है,
गुस्से में भी मत कहना मुझसे प्यार मत करो,
तुझे प्यार करने का तो मेरा जन्म सिद्ध हक़ है ।
छोटी सी ग़लती की इतनी बड़ी सज़ा,
छोटी सी ग़लती की इतनी बड़ी सज़ा,
मंज़ूर है मुझे जो तूने फ़ैसला दिया सुना,
तुझसे दूर रहने में भी होता है बहुत नफ़ा,
तड़पकर सीने लगने में बहुत ही आता है मज़ा ।
उसके घर से निकलने से ही मेरी सुबह है,
उसके घर से निकलने से ही मेरी सुबह है,
मेरे जल्दी उठने की एक ही तो वजह है,
उसके पीछे – पीछे जाना और जानबूझकर खाँसना,
पलटकर देखना उसकी एक जानलेवा अदा है ।
क्या ख़ूबी है तुझमें किसी ने पूछा है मुझे,
क्या ख़ूबी है तुझमें किसी ने पूछा है मुझे,
मुख पे पर्दा तीखे नैन क्या – क्या बताऊँ तुझे,
उसकी क़ातिलाना हरकतों ने बे – जान सा कर दिया
उसके आदाब करने की अदा ने लूटा है मुझे ।
अपनी आँखों का एक तीर से दिल पे वार करदो,
अपनी आँखों का एक तीर से दिल पे वार करदो,
कुछ ऐसा करदो या फ़िर मेरी जिन्दगी दुश्वार करदो,
मेरी मुहब्बत को कबूल कर मेरी जिन्दगी को बचालो,
या फ़िर ये खंजर लो और मेरे इस सीने के आर – पार करदो ।
दिल लगा है लगा रहने दीजिए,
दिल लगा है लगा रहने दीजिए,
नफ़रत की एक सज़ा रहने दीजिए,
दिल लौटाकर मेरी मौत को क्यूँ बुला रहे हो,
ज़िंदा रहने की कोई तो वजह रहने दीजिए ।
उसने कहा मैं कल मिलूंगी कुछ काम है घर पे,
उसने कहा मैं कल मिलूंगी कुछ काम है घर पे,
मैंने कहा मैं बे – सबर हूँ आज आ जाओ,
बे – शर्म हो तुम इस तरह की बात मत करो,
अपनी ऐसी हरकतों तुम अब बाज़ आ जाओ
ये दीवाना अब ना तेरे बिन ही रह पाएगा,
ये दीवाना अब ना तेरे बिन ही रह पाएगा,
इज़हार करने वाला और क्या कह पाएगा,
तुम शर्म से मुस्कुराकर अपनी आँखें झुका देना,
मुझे इज़हार – ए – मुहब्बत का जवाब मिल जाएगा ।
या तेरा प्यार करीब होगा,
या तेरा प्यार करीब होगा,
या मेरी मौत करीब होगी,
मेरे प्यार को अपनाले,
तुझे जन्नत नसीब होगी ।
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