बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- सतिजुग सतिगुर वासदेव वावा विशना नाम जपावै ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- पंज प्याले पंज पीर छटम पीर बैठा गुर भारी ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- दिच्चे पूरब देवना जिस दी वसत तिसै घर आवै ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- सो टिका सो छत्र सिर सोई सचा तखत टिकाई ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- ज़्यारत कर मुलतान दी फिर करतारपुरे नूं आया ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- बाबे कीती सिध गोशट शबद शांति सिधां विच आई ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- बाबा बोले नाथ जी शबद सुनहु सच मुखहु अलाई ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- सिध बोले सुन नानका तुह जग नूं करामात दिखलाई -बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- एह सुन बचन जुगीसरां मार किलक बहु रूप उठाई ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- खाधी खुनस जोगीशरां गोसट करन सभे उठ आई ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- मेला सुन शिवरात दा बाबा अचल वटाले आई ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- बाबा आया करतारपुर भेख उदासी सगल उतारा ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- गड़्ह बगदाद निवायकै मका मदीना सभ निवाया ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- पुछे पीर तकरार कर एह फकीर वडा आताई ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- बाबा ग्या बगदाद नूं बाहर जाय किया असथाना ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- धरी निशानी कौस दी मके अन्दर पूज कराई ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- पुछन गल ईमान दी काज़ी मुलां इकठे होई ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- बाबा फिर मक्के गया नील बसत्र धारे बनवारी ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- सिधीं मने बिचार्या किव दरशन एह लेवे बाला ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- कल आई कुत्ते मुही खाज होआ मुरदार गुसाई ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- फिर पुच्छन सिध नानका मात लोक विच क्या वरतारा ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- बाबे डिठी पिरथमी नवै खंड जिथै तक आही ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- सतिगुर नानक प्रगट्या मिटी धुंध जग चानन होआ ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- जत सती चिर जीवने साधिक सिद्ध नाथ गुर चेले ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- बाबा आया तीरथीं तीरथ पुरब सभे फिर देखै ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- पहलां बाबे पाया बखश दर पिछों दे फिर घाल कमाई ॥ -बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- सुनी पुकार दातार प्रभ गुर नानक जग माहं पठाया ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- चारे जग्गे चहु जुगी पंचायन प्रभ आपे होआ ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- चार वरन चार मझहबां जग विच हिन्दू मुसलमाने ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- बहु वाटीं जग्ग चलियां जब ही भए महंमद यारा ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- भई गिलान जगत विच चार वरन आश्रम उपाए ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- कलिजुग बोध अवतार है बोध अबोध न -बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- जुगगरदी जब होवहे उलटे जुग क्या होइ वरतारा ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- कलिजुग की सुध साधना करम किरत की चलै न काई ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- जुग जुग मेर सरीर का बाशना बद्धा आवै जावै ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- सेखनाग पातंजल मथ्या गुरमुख शासत्र नाग सुणाई ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- बेद अथरबन मथन कर गुरमुख बाशेखक गुन गावै ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- दुआपर जुग बीतत भए कलिजुग के सिर छत्र फिराई ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- स्याम वेद कउ सोध कर मथ वेदांत ब्यास सुणाया ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- फिर जैमन रिख बोल्या जुजरवेद मथ कथा सुणावै ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- गोतम तपे बिचार कै रिग वेद की कथा सुणाई ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- चहुं बेदां के धरम मथ खट शासत्र मथ रिखी सुनावै ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- कलिजुग चौथा थाप्या सूद्र बिरत जग मह वरताई ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- त्रेते छत्त्री रूप धर सूरज बंसी बड अवतारा ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- चार जुग कर थापना सतिजुग त्रेता दुआपुर साजे ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- ओअंकार आकार कर एक कवाउ पसाउ पसारा ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- चौरासीह लक्ख जोन विच उत्तम जनम सु मानस देही ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- प्रथमैं सास न मास सन अंध धुन्द कछ खबर न पाई ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- नमस्कार गुरदेव को सतनामु जिस मंत्र सुणाया ॥-बाबे नानक देव जी दी वार-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
- गिरिधर कविराय-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Giridhar Kavirai
- हुक्का बांध्यौ फैंट में नै गहि लीनी हाथ- (लोक-नीति)-कुण्डलियाँ -गिरिधर कविराय-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Giridhar Kavirai
- कमरी थोरे दाम की, बहुतै आवै काम- (लोक-नीति)-कुण्डलियाँ -गिरिधर कविराय-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Giridhar Kavirai