फूलों ने होली-खुली आँखें खुले डैने -केदारनाथ अग्रवाल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kedarnath Agarwal
फूलों ने
होली
फूलों से खेली
लाल
गुलाबी
पीत-परागी
रंगों की रँगरेली पेली
काम्य कपोली
कुंज किलोली
अंगों की अठखेली ठेली
मत्त मतंगी
मोद मृदंगी
प्राकृत कंठ कुलेली रेली
रचनाकाल: ०४-०३-१९९१