प्यार : एक दशा-आवाज़ों के घेरे -दुष्यंत कुमार-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Dushyant Kumar
यह अकारण दर्द
जिसमें लहर और तड़प नहीं है,
यह उतरती धूप
जिसमें छाँह और जलन नहीं है,
यह भयंकर शून्य
जिसमें कुछ नहीं है…
ज़िन्दगी है ।
आह ! मेरे प्यार,
तेरे लिए है अभिव्यक्ति विह्वल
शब्द कोई नहीं
अर्थ अपार !