पूरन प्रेम को मंत्र महा पन-कविता -घनानंद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ghananand
>पूरन प्रेम को मंत्र महा पन
जा मधि सोधि सुधारि है लेख्यो।
ताही के चारु चरित्र विचित्रनि
यों पचि कै रचि राखि बिसेख्यो
ऐसो हियो हित पत्र पवित्र जो
आन कथा न कहूँ अवरेख्यो।
सो घनआनंद जान अजान लौं
टूक कियो, पर बाँचि न देख्यो