निवेदन-चैत्या-नरेश मेहता-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Naresh Mehta
जब तुम मुझे अपमानित करते हो।
तब तुम मेरे निकष होते हो।
प्रभु से प्रार्थना है।
वह तुम्हें निकष ही रखे।
निवेदन-चैत्या-नरेश मेहता-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Naresh Mehta
जब तुम मुझे अपमानित करते हो।
तब तुम मेरे निकष होते हो।
प्रभु से प्रार्थना है।
वह तुम्हें निकष ही रखे।