दिल से गुफ़्तुगू-ग़ज़लें-मोहनजीत कुकरेजा -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mohanjeet Kukreja Ghazals
दिल से गुफ़्तुगू उम्दा एहसास है
इन दिनों मगर लगता उदास है !
शायद आदत बना ली है इस ने
हर वक़्त रहता महव-ए-यास है !
महसूस ना क्यूँकर हो हर दर्द….
दिल तो था, ज़ेहन भी हस्सास है !
मायूस बेशक है, ना-उम्मीद नहीं
गोया दिल को अब भी आस है !
एक न एक दिन मौत यक़ीनी है
फिर बे-वजह यह क्या हिरास है !