जो हो इक बार वो हर बार हो ऐसा नहीं होता-ग़ज़लें -निदा फ़ाज़ली-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nida Fazli
जो हो इक बार वो हर बार हो ऐसा नहीं होता
हमेशा एक ही से प्यार हो ऐसा नहीं होता
हर इक कश्ती का अपना तजरबा होता है दरिया में
सफ़र में रोज़ ही मंजधार हो ऐसा नहीं होता
कहानी में तो किरदारों को जो चाहे बना दीजे
हक़ीक़त भी कहानी-कार हो ऐसा नहीं होता
कहीं तो कोई होगा जिस को अपनी भी ज़रूरत हो
हर इक बाज़ी में दिल की हार हो ऐसा नहीं होता
सिखा देती हैं चलना ठोकरें भी राहगीरों को
कोई रस्ता सदा दुश्वार हो ऐसा नहीं होता
Pingback: ग़ज़लें -निदा फ़ाज़ली-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nida Fazli – hindi.shayri.page