जय जय जय जयति हिन्द-लहर पुकारे -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj
जय जय जय जयति हिन्द !
प्राची दिशि हरित भरित
श्यामलांग बंग-देश,
शोभित शुभ पश्चिमांग
काबुल कल किरण-वेश,
पद्तल नीलाम्बरांग
गर्जित हर-हर अशेष
भाल-मुकुट स्वर्ण वर्ण
तुंग श्रृंग विश्व-वंद्य !
जय जय जय जयति हिन्द !
लहर-लहर स्वर्ग गंग
गाती तप, त्याग-गीत,
यमुन अधर मुरली धर
मुखरित करती सुप्रीति,
कल-कल ध्वनि-सरयू नित,
ध्वनित रामराज नीति,
पढ़तीं सुस्वतंत्र मंत्र
रावी ऋजु, सबल सिंध ।
जय जय जय जयति हिन्द !
मंथर मृदु मलय पवन
हरता तन पीर सघन
खिल खिल कर सुवसंत
करता सुख सुमन-चयन,
झर-झर कर पावस रस
धोता कल कमल चरन,
करते स्तुति गुन-गुन, बन,
मगन-मन मिलिन्द वृन्द ।
जय जय जय जयति हिन्द !
हिन्दू, सिख, मुसलमान,
पारसीक किरिस्तान,
वन्दन-हित नमित अमित
वष्टि कंठ, पूत प्रान,
‘एकोओहँबहुस्याम’
‘सर्वखल्विदं’-गान
गाते गांधी सुभाष नेहरू आनन्दकन्द ।
जय जय जय जयति हिन्द !