जग की सजल कालिमा रजनी-लहर-जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad
जग की सजल कालिमा रजनी में मुखचन्द्र दिखा जाओ
ह्रदय अँधेरी झोली इनमे ज्योति भीख देने आओ
प्राणों की व्याकुल पुकार पर एक मींड़ ठहरा जाओ
प्रेम वेणु की स्वर- लहरी में जीवन – गीत सुना जाओ
स्नेहालिंगन की लतिकाओं की झुरमुट छा जाने दो
जीवन-धन ! इस जले जगत को वृन्दावन बन जाने दो