चोंच में आकाश-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman
एक पाखी
चोंच में आकाश लेकर
उड़ रहा है
एक राजा प्रेम का
इक रूपरानी
झूलती सावन की
पेंगों-सी कहानी
और रिमझिम
खोल सिमसिम
मन कहीं सपनों सरीखा
जुड़ रहा है
एक पाखी
पंख में उल्लास लेकर
उड़ रहा है
जो व्यथा को
पार कर पाया नहीं
वह कथा में सार
भर पाया नहीं
छोड़ हलचल
बस उड़ा चल
क्यों उदासी की डगर में
मुड़ रहा है
एक पाखी
साँस में विश्वास लेकर
उड़ रहा है