गीत : सुखी रहे तेरी रात-कविता -फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Faiz Ahmed Faiz
सुखी रहे तेरी रात चंदा सुखी रहे तेरी रात
दूर है चैन की नगरी चंदा दूर है सुख का गाँव
जाने कैसे राह कटेगी हारे थक-थक पाँव
ओट में बैठे बैरी चंदा थाम ले मेरा हाथ
सुखी रहे तेरी रात
तेरी दया से दीप जला है इस पापन के द्वारे
जाने कैसे भाग जगे हैं भूल गए दुख सारे
मन काँपे जी धड़के, चंदा छूट न जाए साथ
सुखी रहे तेरी रात