खाली पीछा-कविताएँ -कुँवर नारायण-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kunwar Narayan
एक बार धोखा हुआ
कि तितलियों के देश में पहुँच गया हूँ
और एक तितली मेरा पीछा कर रही…
मैं ठहर गया
तो वह भी ठहर गई,
मैंने अपने पीछे मुड़कर देखा
तो अपने पीछे मुड़कर उसने भी देखा
फिर जब मैं उसके पीछे भागने लगा
वह भी अपने पीछे की ओर भागने लगी।
दरअसल वह भी
मेरी तरह धोखे में थी
कि वह तितलियों के देश में है
और कोई उसका पीछा कर रहा है।