कितना सुंदर ख़त-गुरभजन गिल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gurbhajan Gill
कितना सुंदर
ख़त लिखा है तुमने
शब्दों की जगह
खिली हैं पत्तियां सी
झूमती हवाएँ घर हैं आई
तेरी ही तरह मदमस्त सी
तेरे इस अंदाज पर
सदके मैं जाऊँ
बलिहार तुझ पर से
बिन मिले ही
हम दोनों ने मिल के
कात ली हैं किरणें सी।