post Contents ( Hindi.Shayri.Page)
क़ितआ -अब्दुल हमीद अदम-Abdul Hameed Adam-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita, Part-5,
शिकन न डाल जबीं पर शराब देते हुए
शिकन न डाल जबीं पर शराब देते हुए
ये मुस्कुराती हुई चीज़ मुस्कुरा के पिला
सुरूर चीज़ की मिक़दार पर नहीं मौक़ूफ़
शराब कम है तो साक़ी नज़र मिला के पिला
साहिल पे इक थके हुए जोगी की बंसरी
साहिल पे इक थके हुए जोगी की बंसरी
तल्क़ीन कर रही है किनारा है ज़िंदगी
तूफ़ान में सफ़ीना-ए-हस्ती को छोड़ कर
मल्लाह गा रहा है कि दरिया है ज़िंदगी
सूरत के आइने में दिल-ए-पाएमाल देख
सूरत के आइने में दिल-ए-पाएमाल देख
उल्फ़त की वारदात का हुस्न-ए-मिसाल देख
जब उस का नाम आए किसी की ज़बान पर
उस वक़्त ग़ौर से मिरे चेहरे का हाल देख
सो रही है गुलों के बिस्तर पर
सो रही है गुलों के बिस्तर पर
एक तस्वीर-ए-रंग-ओ-निकहत-ओ-नाज़
जिस के माथे की नर्म लहरों पर
चाँदनी रात पढ़ रही है नमाज़
हश्र तक भी अगर सदाएँ दें
हश्र तक भी अगर सदाएँ दें
बीत कर वक़्त फिर नहीं मुड़ते
सोच कर तोड़ना इन्हें साक़ी
टूट कर जाम फिर नहीं जुड़ते
Pingback: अब्दुल हमीद अदम-Abdul Hameed Adam-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita, – hindi.shayri.page