एक छोटी सी किरण-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh
एक छोटी सी किरण उल्टी पल्टी।
दिल में अटकी दिल से भटकी।।
नैन कटीले उनके दिखते,
जैसे मधुशाला वो ।
हिरनी जैसी चलती वो,
जैसे हिरनीबाला वो ।
उनकी अदायगी तन से है,
मन से वो है भटकी भटकी ।।
छोटी सी किरण उल्टी पल्टी।
दिल मे अटकी दिल से भटकी ।।
दिल पर बोझ बरसता उनके,
ओठो से मुस्काती वो।
सच को दफनाना चाहे,
झूठो मे इतराती वो ।।
उनकी बोली मे नखरे बहुत है,
सारी बातें भटकी भटकी।
एक छोटी सी किरण उल्टी पल्टी।
दिल मे अटकी दिल से भटकी।।