उनको महल-मकानी-कविताएँ-केदारनाथ अग्रवाल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kedarnath Agarwal
उनको
महल-मकानी
हमको छप्पर-छानी
उनको
दाम-दुकानी
हमको कौड़ी कानी
सच है
यही कहानी
सबकी जानी-मानी
रचनाकाल: ११-०१-१९८० /
११-०६-१९९०
उनको महल-मकानी-कविताएँ-केदारनाथ अग्रवाल-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kedarnath Agarwal
उनको
महल-मकानी
हमको छप्पर-छानी
उनको
दाम-दुकानी
हमको कौड़ी कानी
सच है
यही कहानी
सबकी जानी-मानी
रचनाकाल: ११-०१-१९८० /
११-०६-१९९०