आज मुद्दत में वो याद आये हैं-ग़ज़लें-एक जवान मौत-जाँ निसार अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaan Nisar Akhtar
आज मुद्दत में वो याद आये हैं
दरोदीवार पे कुछ साए हैं
आबगीनों से न टकरा पाए
कोहसारों से जो टकराए हैं
जिंदगी तेरे हवादिस हम को
कुछ न कुछ राह पे ले आये हैं
इतने मायूस तो हालात नहीं
लोग किस वास्ते घबराए हैं
उनकी जानिब न किसी ने देखा
जो हमें देख के शर्माए हैं
संगरेज़ों से खज़फ़ पारों से
कितने हीरे कभी चुन लाये हैं