अल्फाजों के समुंदर से-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh
अल्फाजों के समुंदर से,
दिलों पर राज करना है।
तुम्हें जो समझना है समझो,
मुझे ना हिसाब करना है।।
शिकवे गिले नहीं,
दोष ईष्या मिथ्या न पाले है।
सभी की सोच मे प्रेम घोलकर,
सभी को प्रेम से गुलाम करना है।।
ठोकर है मिलती संभलना फिर है,
न किसी पर इल्जाम करना है।
पग है निष्ठा का,
अटल अड़िग बिश्वास पाले है।
नीति संयम के डोरे मे बाधकर,
सभी के दिल मे मुकाम करना है।